शनिवार

रेल का बहरा - गूंगा भीखारी

उसने एक फटा सा पायजामा व मारकीन की कमीज पहन रखी थी व सभी को कार्ड देता हुआ रेल में आगे बढ़ रहा था | कार्ड पर लिखा था "यह युवक बहरा व गूंगा है व एक शम्भ्रांत व्यक्ति का पुत्र है | इसके उपर घर का सारा दायित्व हैं | इसकी दो बहने शादी योग्य है | कृपया ५, २ या १ रूपये देकर इसकी सहायता कर पुण्य लाभ ले | "  नीचे किसी मठाधीश का नाम व पता लिखा था |
थोड़ी देर बाद दूसरे किनारे से वह कार्ड इकठठे कर रहा था व हाथ फैला कर रूपये इकठा कर रहा था | सरे कार्ड इक्कठे कर वह गड्डा बदल कर टोइलेट में घुस गया | स्टेशन आते ही दरवाजा खुला और अंदर से एक खूबसूरत सा युवक पेंट शर्ट पहन कर कंधे पर गाँधी थेला लटकाए नीचे उत्तेर गया | गेट पर कंडक्टर को अपना कोई कार्ड दिखा कर आगे बढ गया |
थोड़े दूर जा कर एक रिक्शा वाले से बोला "इनोक्स सिनेमा चलेगा ?"

गुरुवार

माँ तूने ऐसा क्यों किया ?

माँ तूने ऐसा क्यों किया
मेरे लिए पूरा जीवन क्यों दे दिया

कितने दुःख सहे कितने ताने सहे
हमारे लिए क्या क्या नहीं किया |
पर माँ तूने ऐसा क्यों किया
मेरे लिए पूरा जीवन क्यों दे दिया ||

बचपन से तुझे हर कमी में ही देखा है
सोते नहीं हमने तुझे बस जगते देखा है |
भरपेट हमें खिला कर तुझे व्रत करते देखा है
पर माँ तूने ऐसा क्यों किया ||

माना मैं कुछ महीने पला था तेरे पेट में
पर पापा ने तो सालों से रखा था |
पर तूने ही माँ ऐसा क्यों किया
मेरे लिए पूरा जीवन क्यों दे दिया ||

आज मैं बैठा हूँ इतना दूर
छीन के तुझ से तेरा जीवन |
घिन्न आती है मुझे मुझ पर
तेरा पूत हो कर कुःपूत कैसे बन गया ||

पर माँ तूने ऐसा क्यों किया
मेरे लिए पूरा जीवन क्यों दे दिया....

सोमवार

हिंदी का अंत कमिंग सून

छठी कक्षा में अंग्रेजी पढ़ी थी , आज पढाई से पहले इंग्लिश आ गई |आज ये हाल है कि बड़े शहरो में हमें हिंदी बोलने में शर्म आती है | शहर में आपने आप को ज्यादा पढ़ा व गुणवान दिखाने के लिए इंग्लिश बोलना जरूरी हो गया है| ठीक है समय के साथ बदलना जरूरी है पर शायद इतना भी जरूरी नहीं है कि न आते हुए भी बोलना ही है|
  भारत देश का नाम इंडिया हो गया | शायद ही कोई कहता हो कि भारत का रहने वाला हूँ | चलो जैसे भी हो देखते है इंडिया से हिंदी कितने दिन में समाप्त होने वाली है |
ये एक उदाहरण है जिसमे मेरे जैसे वी॰ आई॰ पी॰   को अपनी इज्जत के चक्कर में इंलिश बोलनी पड़ी |