भक्ति, शक्ति और हिंदुत्व के साथ जो जिंदगी की यात्रा मैने जी है और जिस प्रकार जीने का अनुमान है, उस भूत और भविष्य को लेखनी के माध्यम से संवादित करने की चेष्ठा करूंगा। सामान्यता हर जीव की यात्रा में सुख दुःख धूप छांव की तरह आते रहते हैं, परंतु इस यात्रा की इस धूप छांव को अपने सहयात्रियों से साझा करने पर इसे मज़ेदार और प्रसन्नचित बनाया जा सकता है। इसलिए आइए, मैं अपने विचार रखता हूं, आप अपने विचार व्यक्त कीजिए।
बुधवार
बेवफा सनम का था गम
आसमां की रानी हो, तुम कहां से आई हो
आज मुझको ये बताओ, तुम मुझे क्या लाई हो
प्यार है हमें तुमसे, दूर नहीं तुम हमसे
अब तो तुम आ जाओ, और मुझे ना तड़पाओ
मैंने तुमको देखा है, नाम भी तेरा रेखा है
तुझको देख मुझको ऐसा, लगता नहीं तू धोखा है
जिंदगी मुझको डसती है, गुनाह वो मुझको लगती है
पता नहीं तुम आओगे या मुझको तड़पाओगे
बहारों की तुम मल्लिका, ठंडी हवा का तुम झोंका
प्यार में तेरे पागल हैं, तेरे लिए हम घायल हैं
जानते हैं हम तो ये, दुश्मन नहीं तुम दोस्त मेरे
फिर क्या हुआ..?
ये क्यों हुआ..?
कैसे हुआ ..?
ये कब हुआ ..?
तुमने जो हमसे कहा, वो कैसे झूठ हुआ
अगर तुमको डर था सबका
प्यार में दिल क्यो था भटका
by manish malhotra
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