शनिवार

रेल का बहरा - गूंगा भीखारी

उसने एक फटा सा पायजामा व मारकीन की कमीज पहन रखी थी व सभी को कार्ड देता हुआ रेल में आगे बढ़ रहा था | कार्ड पर लिखा था "यह युवक बहरा व गूंगा है व एक शम्भ्रांत व्यक्ति का पुत्र है | इसके उपर घर का सारा दायित्व हैं | इसकी दो बहने शादी योग्य है | कृपया ५, २ या १ रूपये देकर इसकी सहायता कर पुण्य लाभ ले | "  नीचे किसी मठाधीश का नाम व पता लिखा था |
थोड़ी देर बाद दूसरे किनारे से वह कार्ड इकठठे कर रहा था व हाथ फैला कर रूपये इकठा कर रहा था | सरे कार्ड इक्कठे कर वह गड्डा बदल कर टोइलेट में घुस गया | स्टेशन आते ही दरवाजा खुला और अंदर से एक खूबसूरत सा युवक पेंट शर्ट पहन कर कंधे पर गाँधी थेला लटकाए नीचे उत्तेर गया | गेट पर कंडक्टर को अपना कोई कार्ड दिखा कर आगे बढ गया |
थोड़े दूर जा कर एक रिक्शा वाले से बोला "इनोक्स सिनेमा चलेगा ?"

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