बुधवार

मर्द को दर्द नहीं होता

कौन कहता है कि "मर्द को दर्द नहीं होता"?
जो  भी कहता है सच कहता है | एक मर्द ने कब किसी का दर्दलिया या समझा है जो उसे दर्द होगा | खुद का दर्द भी कोइ दर्द होता है | यदि डा० भी सुई घुसाता है तो भी दर्द उस डा० के द्वारा दिया जाता है | यदि कोई गधा भी लात मार देता है और उसे से दर्द होता है तो भी दर्द गधे द्वारा दिया गया होता है |
मेरे कहने का मतलब यह है कि मर्द का मतलब आजकल नोर्मल आदमी से लगाया जाता है और वो मर्द करता क्या है ?
सुबह उठने से पहले से चाय मांगता है, नहा धो कर ऑफिस में बैठ कर चले आता है और उसी कमाई से बीवी बच्चो पर रोब झाड़ता है और अपनी मर्दानगी दिखता है |
इसमें मर्द को दर्द कब से होने लगता है ?

वही पत्नी को पक्का दर्द होता हैं | अब सोचोगे कि किस चीज में दर्द होता है ? अरे ! किस चीज में नही होता |
आते ही फ्री की डाट में , पति की पिटाई में , उसके काम करने में , ९ महीने के लिए बच्चो को अपने पेट में पालने आदि आदि |

इन सबबातो से तो यही लगता है कि मर्द को तो दर्द होता ही नहीं पर यदि आदमी
औरत के साथ रह रहा है और  उसे दर्द नहीं हो रहा तो सही में वो आदमी मर्द ही है |