रविवार

ॐ "जय माता दी "ॐ





ॐ गणपत्याये नमः
सबसे पहले मै उस भगवान परम आत्मा को धन्यवाद देता हू जो मुझे उसके बारे में सोचने और समझने की शक्ति प्रदान करता है |उस भगवान की चरण वंदना करता हू जीसने मुझे इस संसार में आने का और अपने जीवन को सुधरने का एक मौका और दिया| उस भगवान की चरण वंदना करता हू जीसने मुझे इस संसार में आने के लीये मनुष्य योनी प्रधान की |मै उस परम आत्मा को धन्यवाद देता हू जीसने मुझ में उस के विश्वास को बनाए रखा तथा मेरे मन को उन नेक कर्मो की तरफ झूकाए रखा | अपने सब रूप इस संसार को दिखा कर अलग अलग धर्मो का निर्माण किया| मैं उस परम पिता परमात्मा से विनती करता हू कि उसके बच्चों को, इन मनुष्यों को अपने इन रूपों को समझने के शक्ति प्रधान करे|

कोई टिप्पणी नहीं: