शनिवार

bada

कलम: एक खयाल: बड़ा सदियों पहले कबीरदास का कहा दोहा आज सुबह से मेरे मस्तिष्क में घूम रहा था तो सोचा कि इसे ही लेखन का विषय क्यों न बनाया जाय।  कबीर का व...

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