सुबह ६ बजे उठाना, भाग-भाग कर ८ बजे तक बच्चो समेत तैयार होना, ऑफिस जाते समय उनको स्कूल छोडना, ऑफिस पहुच कर डरते डरते टाइम देखना, सीट पर बैठने के बाद काम देख कर प्यास लगना, १ बजे बच्चो को स्कूल के लाने के लिए २-३ फोन कर के कॉन्फीर्म करना, चाय पीते हुए अपने वरिष्ठों को गलिया देना, शाम को ६ बजे लेट हो गए सोच कर बाकि काम कल करने की कह कर घर की तरफ भागना, ऑफिस से निकलते हुये ट्राफिक या बस-रेल की चिंता करना, घर पहुच कर टीवी ओन कर लम्बी सांस ले कर बीवी को चाय का आर्डर देना, थोड़े देर टीवी देखते हुए चाय का आनंद लेना, बच्चो पर चिल्ला कर खा-पी कर सो जाना .................
यही है साली जिंदगी.......
पूरे दिन न कुछ अपने लिए किया, न देश - दुनिया के लिए और न साला दिमाग का ही थोडा इस्तेमाल किया | खाया - पिया और सो गया....
कल फिर वही........
इसी जिंदगी को जीते हुये २१ से ५९ साल हो गए | आज याद आया अगले साल नौकरी छूट जाएगी, पर साला जिंदगी के काम पुरे नहीं हुये | अभी तो बला बला काम बाकि थे | वो कब करुगा?
अरे | बुजुर्गो ने कहा था अपने अगले जनम के लिए भी कुछ करना चाहिए, अभी तक कुछ तो नहीं किया... अभी तो वो भी बाकि है | चलो कोए नहीं ये काम तो हम खटिया में पड़े हुए भी कर लेगे, इसके लिए कोए घूमने के जरूरत थोड़ी है | कुछ और दिन बाद ये देखेगे..
ओए |
ये क्या ? जिन के लिए सारी जिंदगी बर्बाद कर दी, वो बच्चे हम से बात तक नहीं कर रहे...
अब क्या हो ...
धोबी का कुत्ता घर का न घाट का....
आज समझ में आया यही है साली जिंदगी.......
यही है साली जिंदगी.......
पूरे दिन न कुछ अपने लिए किया, न देश - दुनिया के लिए और न साला दिमाग का ही थोडा इस्तेमाल किया | खाया - पिया और सो गया....
कल फिर वही........
इसी जिंदगी को जीते हुये २१ से ५९ साल हो गए | आज याद आया अगले साल नौकरी छूट जाएगी, पर साला जिंदगी के काम पुरे नहीं हुये | अभी तो बला बला काम बाकि थे | वो कब करुगा?
अरे | बुजुर्गो ने कहा था अपने अगले जनम के लिए भी कुछ करना चाहिए, अभी तक कुछ तो नहीं किया... अभी तो वो भी बाकि है | चलो कोए नहीं ये काम तो हम खटिया में पड़े हुए भी कर लेगे, इसके लिए कोए घूमने के जरूरत थोड़ी है | कुछ और दिन बाद ये देखेगे..
ओए |
ये क्या ? जिन के लिए सारी जिंदगी बर्बाद कर दी, वो बच्चे हम से बात तक नहीं कर रहे...
अब क्या हो ...
धोबी का कुत्ता घर का न घाट का....
आज समझ में आया यही है साली जिंदगी.......
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