शनिवार

प्यार करनॆ की अदा

हम तुमसे कुछ कह ना पाये, इसमॆ हमारी क्या खत्ता,
प्यार करनॆ की शायद यॆ भी हैं इक अदा !

इस्स‌ अदा जो आप समझ‌ जाते तॊ मिल जाता हमॆ आपका प्यार,
पर ऐसा हो ना सका ऒर हम करते रहे आपका इंतज़ार,
इस इंतज़ार मे भी था इक मज़ा,
प्यार करने की ये भी हैं इक अदा शायद‌!

इंतज़ार हो जाता हमारा खत्म जॊ आ जाती आपकॊ हमारी याद,
पर‌ ख़ुदा कॊ था यॆ मंज़ूर की हम करतॆ रहॆ आपसॆ मिलने की फरियाद,
इस‌ फरियाद मॆ भी था इक मज़ा,
प्यार करने की ये भी हैं इक अदा शायद‌!

हो जाती जॊ हमारी फरियाद पूरी, रह्ती ना कोई तमन्ना अधूरी,
आपसॆ जॊ हम मिल पातॆ, तो शायद् कुछ् ना कह पातॆ,
चुप रहने में भी था इक मज़ा,
प्यार करनॆ की शायद यॆ भी हैं इक अदा!

दिल का हाल बयान कर देते मॆरॆ आँसू,
उनको आकर रॊक दॆतॆ तुमारे आँसू ,
पर‌ आँसू बहनॆ मॆ भी था इक मज़ा,
प्यार करनॆ की शायद यॆ भी हैं इक अदा !

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